There are no items in your cart
Add More
Add More
| Item Details | Price | ||
|---|---|---|---|
Tue Sep 16, 2025
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा घोषित बदलाव आज से लागू हो गए हैं। 15 सितंबर 2025 से यूपीआई लेनदेन की लिमिट बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। यह कदम हाई-वैल्यू डिजिटल पेमेंट्स को और आसान बनाने की दिशा में बड़ा सुधार माना जा रहा है।
अब इंश्योरेंस, कैपिटल मार्केट, लोन ईएमआई और ट्रैवल जैसी कैटेगरी में प्रति ट्रांजैक्शन 5 लाख रुपये तक और एक दिन में अधिकतम 10 लाख रुपये तक का भुगतान किया जा सकेगा।

इन बदलावों का असर केवल पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्शन पर होगा। व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) लेनदेन की सीमा पहले जैसी ही बनी रहेगी। यानी, रोजाना एक व्यक्ति दूसरे को अधिकतम 1 लाख रुपये तक ही ट्रांसफर कर सकेगा। इस श्रेणी में किसी भी तरह का संशोधन नहीं किया गया है।
P2M का मतलब है जब कोई ग्राहक सीधे किसी व्यापारी या सर्विस प्रोवाइडर को भुगतान करता है।
P2P का अर्थ है जब एक व्यक्ति सीधे दूसरे व्यक्ति को पैसे ट्रांसफर करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अब बड़े बीमा प्रीमियम, निवेश और ज्वेलरी जैसी महंगी खरीदारी भी UPI से आसानी से हो सकेगी। इस फैसले से ग्राहकों को बार-बार छोटे-छोटे भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे न केवल समय बचेगा बल्कि लेन-देन की प्रक्रिया भी ज्यादा सरल और सुविधाजनक बनेगी।
एनपीसीआई (NPCI) ने स्पष्ट किया है कि यूपीआई लिमिट बढ़ाने पर ग्राहकों से किसी भी तरह का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसका मतलब है कि यूजर्स अब बड़े अमाउंट का भुगतान भी पहले की तरह बिना किसी एक्स्ट्रा फीस के कर पाएंगे।
एनपीसीआई (NPCI) ने यह बदलाव डिजिटल भुगतान के तेजी से बढ़ते उपयोग को ध्यान में रखते हुए किया है। पहले ग्राहकों को बड़े भुगतानों के लिए कई बार छोटे-छोटे ट्रांजैक्शन करने पड़ते थे, लेकिन अब यह परेशानी खत्म होगी।
बीमा, लोन या निवेश जैसे बड़े भुगतान अब एक ही क्लिक में संभव होंगे। इससे न सिर्फ लेनदेन की प्रक्रिया तेज और सुविधाजनक बनेगी, बल्कि डिजिटल इंडिया अभियान को भी मजबूती मिलेगी।
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) भारत की डिजिटल पेमेंट व्यवस्था की आधारशिला है। इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने विकसित किया है। यह एक रियल-टाइम मोबाइल पेमेंट सिस्टम है, जो यूज़र्स को एक ही ऐप से कई बैंक खातों को जोड़ने और आसानी से पर्सन-टू-पर्सन (P2P) और पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) लेनदेन करने की सुविधा देता है।
UPI के माध्यम से आप पैसे भेज (Push) भी सकते हैं और मंगा (Pull) भी सकते हैं। इसमें वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) का उपयोग होता है और दो-स्तरीय प्रमाणीकरण (Two-Factor Authentication) से सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। इसकी खासियत यह है कि हर बार बैंक डिटेल्स डालने की आवश्यकता नहीं होती।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 में UPI के जरिए लेनदेन 20 अरब के पार पहुँच गए, जो अब तक का सबसे ऊँचा स्तर है। यह पिछले साल की तुलना में 35% की वार्षिक वृद्धि दर्शाता है।
अगस्त में UPI के जरिए किए गए लेनदेन का कुल मूल्य 24.85 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि जुलाई में यह 25.08 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया था। यानी मूल्य में हल्की गिरावट देखी गई।

NPCI यह बदलाव दर्शाता है कि डिजिटल पेमेंट्स को और तेज़, आसान और बड़े पैमाने पर अपनाने योग्य बनाना चाहता है। UPI की डेली लिमिट ₹10 लाख तक बढ़ने से खासकर बिज़नेस, मर्चेंट्स, ट्रैवल, कैपिटल मार्केट और हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन वाले उपयोगकर्ताओं को सीधा फायदा होगा। इससे डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम और भी मजबूत ।