कौन हैं ऊर्जित पटेल? पूर्व RBI गवर्नर अब IMF के कार्यकारी निदेशक बने

Fri Aug 29, 2025

डॉ. उर्जित पटेल की नियुक्ति

भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. उर्जित पटेल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया है। सरकार ने उनकी तीन साल की इस जिम्मेदारी को मंजूरी दी है। माना जा रहा है कि उनकी यह नियुक्ति भारत की वैश्विक वित्तीय मंचों पर स्थिति को और मजबूत करेगी। यह आदेश 28 अगस्त 2026 को नई दिल्ली में जारी हुआ, जिस पर मंत्रालय की सचिव मनीषा सक्सेना ने हस्ताक्षर किए हैं।

 आदेश में उल्लेख
आदेश में कहा गया है, “कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उर्जित पटेल, अर्थशास्त्री और पूर्व RBI गवर्नर, को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में कार्यकारी निदेशक (ED) के पद पर तीन साल के लिए नियुक्त करने की मंजूरी दी है। यह अवधि पद ग्रहण करने की तारीख से लागू होगी या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो।”


 पृष्ठभूमि
यह नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब मौजूदा कार्यकारी निदेशक डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम का कार्यकाल अप्रत्याशित रूप से छह महीने पहले ही समाप्त कर दिया गया। भारत सरकार ने 30 अप्रैल 2025 के आदेश में उनकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से खत्म कर दीं, जबकि उनका तीन साल का कार्यकाल इसी वर्ष नवंबर में पूरा होना था। IMF की आधिकारिक वेबसाइट पर 2 मई तक डॉ. सुब्रमण्यम का नाम कार्यकारी निदेशक के रूप में दर्ज था, लेकिन 3 मई से यह पद रिक्त दिखने लगा।
  • डॉ. सुब्रमण्यम को अगस्त 2022 में आईएमएफ बोर्ड में कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया था।
  • इससे पहले वे 2018 से 2021 तक भारत सरकार के 17वें मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) रह चुके थे।

उर्जित पटेल तीन साल के लिए संभालेंगे पद

कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने प्रख्यात अर्थशास्त्री और पूर्व भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) गवर्नर डॉ. उर्जित पटेल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में कार्यकारी निदेशक के रूप में तीन वर्षों की अवधि के लिए नियुक्त करने की मंजूरी दी है। यह आदेश 28 अगस्त को जारी किया गया।
  • उर्जित पटेल 1990 के बाद पहले ऐसे केंद्रीय बैंक गवर्नर रहे हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान ही पद छोड़ने का निर्णय लिया था।
  • वे इससे पहले भी IMF में सेवाएं दे चुके हैं।
  • वे RBI के डिप्टी गवर्नर रह चुके हैं और 1996-1997 के दौरान IMF से डीप्यूटेशन पर भारतीय रिज़र्व बैंक में अपनी सेवाएं प्रदान कर चुके हैं।

ऊर्जित पटेल की प्रमुख जिम्मेदारियां

  1. सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व: भारत और अपने समूह के अन्य देशों की आर्थिक नीतियों और हितों को IMF बोर्ड में प्रस्तुत करना।
  2. आर्थिक नीति विश्लेषण: वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सदस्य देशों की नीतियों के प्रभाव का मूल्यांकन।
  3. IMF के दैनिक कामकाज की निगरानी: बोर्ड के निर्णयों के क्रियान्वयन और संचालन पर नजर रखना।
  4. वित्तीय सहायता का अनुमोदन: IMF द्वारा दिए जाने वाले वित्तीय कर्ज़ प्रस्तावों की समीक्षा और मंजूरी।
  5. क्षमता निर्माण: सदस्य देशों को वित्तीय प्रबंधन और सुधार योजनाओं में सहायता प्रदान करना।

नोट: IMF का Executive Board 24 Executive Directors और Managing Director (Chair) से मिलकर बनता है।

उर्जित पटेल के बारे में

  • जन्म: 28 अक्टूबर 1963, नैरोबी (केन्या)
  • शिक्षा: London School of Economics (1984), Oxford University (M.Phil, 1986), Yale University (Ph.D, 1990)
  • करियर की शुरुआत: 1990 में IMF से

करियर उपलब्धियां

  • 1995 तक अमेरिका, भारत, बहामास और म्यांमार डेस्क पर काम किया।
  • 1996-97 में IMF से प्रतिनियुक्ति पर RBI में सेवाएं दीं।
  • 2000-2004 के बीच भारत सरकार की कई उच्च स्तरीय समितियों का हिस्सा रहे।
  • 2013 में RBI डिप्टी गवर्नर बने।
  • 2016 में RBI के 24वें गवर्नर बने।
  • 2018 में निजी कारणों से इस्तीफा दिया।

गवर्नर रहते समय उन्होंने CPI आधारित 4% मुद्रास्फीति लक्ष्य निर्धारण की सिफारिश की और नोटबंदी के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नियुक्ति क्यों महत्वपूर्ण है?

यह नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब भारत लगातार पाकिस्तान को दिए जा रहे IMF बेलआउट पैकेजों का विरोध कर रहा है। भारत की चिंता है कि इस्लामाबाद इन पैसों का उपयोग आतंकवाद को बढ़ावा देने में कर सकता है। इस पृष्ठभूमि में उर्जित पटेल की नियुक्ति भारत को IMF जैसे संस्थानों में अपनी आवाज़ और प्रभाव को और मजबूत करने का अवसर देती है।

IMF के बारे में

  • स्थापना: जुलाई 1944, ब्रेटन वुड्स सम्मेलन
  • मुख्यालय: वॉशिंगटन डी.सी.
  • सदस्य देश: 190
  • भारत: संस्थापक सदस्य

मुख्य उद्देश्य

  • अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग को प्रोत्साहित करना
  • वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना
  • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सरल बनाना
  • उच्च स्तर के रोजगार और विकास को बढ़ावा देना
  • वैश्विक गरीबी को कम करना

IMF का शासन ढांचा

IMF का नेतृत्व Managing Director करते हैं, जिन्हें Executive Board द्वारा पाँच वर्ष के लिए चुना जाता है। मुख्य निकाय:
  1. गवर्नर्स बोर्ड (Board of Governors)
  2. मंत्रिस्तरीय समितियाँ (Ministerial Committees)
  3. कार्यकारी निदेशक मंडल (Executive Board)

निष्कर्ष

उर्जित पटेल के IMF में कार्यकारी निदेशक बनने से भारत की वैश्विक आर्थिक आवाज़ और मजबूत होगी। यह न केवल अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की नीतिगत प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाएगा बल्कि पाकिस्तान जैसे देशों की गलत आर्थिक दलीलों का तथ्यात्मक और सशक्त जवाब देने में भी अहम भूमिका निभाएगा।